अंजलि मुबारक हो
मैं खुश हूँ मेरे
आसूओं पे ना जाना
मैं तो पगली सी
हूँ,
मेरी बातों को दिल
से मत लगाना,
अंजलि ज़िन्दगी एक
रंगीन किताब के जैसी है
इस रंगीन किताब
के हर पन्ने अपनी अच्छे यादे बनाना,
इस ज़िन्दगी में
बहुत उतार-चढ़ाव आयेंगे और जायेगे,
हजारों तरह के होते
हैं ये इन्सान, अब आप ही पहचाना होगा
कौन मेरा अपना है
और पराया…
ऐसा ही हजारों तरह
के ये होते हैं आँसू
अगर दिल में ग़म
हो तो रोते हैं आँसू
खुशी में भी आँखे
भीगते हैं आँसू
इन्हे जान सकता
नहीं ये ज़माना………….
अंजलि मुबारक हो
आप को समा ये सुहाना
i will remember these words of wisdom throughout my life..thanks Ms. Mehta :)
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